राजकीय सेवा से त्यागपत्र देने की प्रक्रिया।
प्रश्न – राजस्थान में राजकीय सेवा से त्यागपत्र देने की क्या प्रक्रिया है ? त्यागपत्र किस अधिकारी को भेजा जाएगा ? कृपया उचित जानकारी प्रदान करें।
1. राजकीय सेवा से त्यागपत्र देने की प्रक्रिया के अंतर्गत इस्तीफा स्वीकार करने हेतु सक्षम प्राधिकारी – संबंधित सेवा अथवा पद पर नियुक्ति करने वाले प्राधिकारी उस सरकारी कर्मचारी का इस्तीफा स्वीकार करने हेतु सक्षम प्राधिकारी है।
2. परिस्थितियां जिनके तहत त्यागपत्र स्वीकृत नही किया जाना चाहिए –
(i) जब कार्मिक के पास महत्वपूर्ण प्रभार हो एवं पद को भरने में समय लगता हो या वैकल्पिक व्यवस्था होने तक।
(ii) जब कार्मिक निलंबित हो या अनुशासनात्मक कार्यवाही/विभागीय कार्यवाही के सामना कर रहा हो और कार्मिक के विरुद्ध मजबूत साक्ष्य हो।
(iii) जब सरकारी कार्मिक द्वारा यह बॉण्ड भरा गया हो कि वह अमुक अवधि तक सेवा पूर्ण करेगा।
निर्धारित सेवा पूर्ण नही करने पर निश्चित दण्ड राशि (बॉण्ड के अनुसार) जमा करने के बाद ही त्यागपत्र स्वीकृत किया जा सकेगा।
3. राजकीय सेवा से त्यागपत्र देने की प्रक्रिया के अंतर्गत दिनांक जब से त्यागपत्र प्रभावी होता है- सक्षम प्राधिकारी को यह निर्णय लेने का अधिकार है कि त्यागपत्र किस दिनांक से प्रभावी होगा। बिंदु 2(i) के मामलों में त्यागपत्र उस दिन से प्रभावी होगा जिस दिन से पद भरने हेतु वैकल्पिक व्यवस्था हो जाती है। यदि कोई कार्मिक अवकाश पर हो तो सक्षम प्राधिकारी अवकाश समाप्ति पश्चात या तुरंत प्रभाव से इस्तीफा स्वीकार कर सकता है। सक्षम प्राधिकारी को त्यागपत्र स्वीकृति की प्रभावी दिनांक का अंकन सेवा समाप्ति आदेश में अवश्य करना चाहिए।
4. राजकीय सेवा से त्यागपत्र देने की प्रक्रिया के अंतर्गत त्यागपत्र वापस लेने संबंधी प्रावधान – सेवा से पदत्याग उस समय से लागू माना जाएगा जब से राज्य कर्मचारी को उसके कार्यभार से मुक्त किया जाता है। राज्य कर्मचारी द्वारा कार्यभार मुक्ति एवं पद त्याग के बाद यदि सेवा में पुनः लेने की प्रार्थना की जाती है तो उस पर विचार नहीं किया जाकर अस्वीकृत किया जाएगा। अर्थात एक बार त्यागपत्र स्वीकृति के बाद कार्मिक को उसी पद पर पुनः नही लिया जा सकता है।
5. राजकीय सेवा से त्यागपत्र देने की प्रक्रिया के अंतर्गत त्यागपत्र हेतु नोटिस/पूर्व सूचना अवधि – राजस्थान सेवा नियम 23ए के अनुसार एक अस्थाई सरकारी कार्मिक को सेवा या पद से इस्तीफा देने से एक माह पूर्व नोटिस/लिखित सूचना सक्षम प्राधिकारी को देनी चाहिए। अस्थाई कार्मिक की सेवा एक माह के बराबर वेतन का भुगतान कर तुरंत भी समाप्त की जा सकती है।
स्थाई कर्मचारी को अपनी सेवा या पद से इस्तीफा देने के लिए तीन माह पूर्व नोटिस/लिखित आवेदन करना आवश्यक है या तीन माह के बराबर वेतन का भुगतान कर तुरंत प्रभाव से भी सेवानिवृत किया जा सकता है।
नियुक्ति प्राधिकारी जो इस्तीफा स्वीकार करने हेतु सक्षम अधिकारी हैं, अपने स्वविवेक के आधार पर नोटिस की अनुपस्थिति में भी इस्तीफा स्वीकार कर सकता है या सरकार के प्रावधानों के अनुसार कार्मिक को निर्धारित नोटिस अवधि के लिए पाबंद कर सकता है। चुनाव लड़ने के लिए त्यागपत्र देने हेतु नोटिस अवधि में शिथिलता दी जाती है।
6. अनिवार्य सेवानिवृत्ति संबंधी प्रावधान एवं नियम – कार्मिक विभाग के आदेश दिनांक 02.02.2000 एवं राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996 के नियम 53(1) के अनुसार सक्षम प्राधिकारी ऐसे कार्मिक जिन्होंने 15 वर्ष की राजकीय सेवा या 50 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली हो और अकर्मण्यता, संदेहास्पद सत्यनिष्ठा, अक्षमता एवं अकार्यकुशलता या असंतोषजनक कार्य निष्पादन के कारण जनहितार्थ/लोक हित में 3 माह का नोटिस देकर सेवानिवृत्त होने हेतु सूचित करेगा या ऐसे कार्मिकों को 3 माह के बराबर वेतन भत्तों का भुगतान कर तुरंत प्रभाव से राज्य सेवा से निष्काषित किया जा सकेगा।
7. राज पत्र प्रकाशन तिथि से सेवानिवृत्ति प्रभावी – नियुक्ति अधिकारी द्वारा जारी नोटिस तामील न होने पर नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा राजस्थान राजपत्र में सेवानिवृत्ति आदेश प्रकाशित करवाने पर राजपत्र प्रकाशन की दिनांक से ही कार्मिक को सेवानिवृत्त माना जाएगा।
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