विकास कोष से राशि व्यय करने की प्रक्रिया

विकास कोष से राशि व्यय करने की प्रक्रिया राजस्थान राज्य कर्मचारियों हेतु महत्वूर्ण जानकारी

विकास कोष से राशि व्यय किस प्रकार करें?

विकास कोष से खर्चा कैसे करे

  1. सर्वप्रथम किसी भी मध्य में आवश्यक सामग्री अथवा कार्य के लिए मांग पत्र प्राप्त किया जाएगा।
  2. एसडीएमसी के समक्ष आवश्यकता के अनुरूप प्रस्ताव रखा जाएगा जिसे एसडीएमसी द्वारा अनुमति के पश्चात खर्च किया जा सकता है ।
  3. Sdmc/ s.m.c द्वारा वर्ष भर सामग्री व सेवाएं क्रय करने हेतु क्रय समिति गठित की जाती है।
    जिसमें अध्यक्ष , सचिव, लेखाकर्मी सहित दो अभिभावक होते हैं।
  4. क्रय समिति द्वारा मार्केट सर्वे कर वर्ष भर की आवर्ती आवश्यकताओं के कार्य हेतु फर्म या दुकान तय की जाती है अथवा हर बार स्वयं जाकर सामग्री क्रय की जाती है।
  5. तय फर्म / दुकान से अथवा कोटेशन आमंत्रित कर न्यूनतम दर गुणवत्तापूर्ण सामग्री क्रय हेतु अनुशंषा किए जाने पर संबंधित फर्म को सप्लाई या सेवा का आदेश दिया जाएगा।
  6. सामग्री एवं बिल प्राप्त होने के पश्चात सर्वप्रथम सामग्री को भंडार प्रभारी द्वारा स्टॉक में इंद्राज किया जाएगा जिसे कार्यालयाध्यक्ष द्वारा प्रमाणित किया जाएगा।
  7. फिर समिति द्वारा भुगतान की अनुशंषा की जाएगी।
  8. तत्पश्चात चेक या कैश द्वारा भुगतान किया जाएगा। यदि कैश द्वारा भुगतान किया जाता है तो क्रय समिति को पुनः कैश भुगतान प्रमाणित करना होता है। ( यदि मरम्मत/ सेवा कार्य किया गया है तो क्रय समिति द्वारा उसे भी प्रमाणित किया जाएगा।)
  9. भुगतान का इंद्राज कैश बुक तथा लेज़र में किया जाएगा।
  10. कैश बुक की एंट्री को sdmc/smc अध्यक्ष सचिव प्रमाणित करेंगे।
  11. Sdmc/s.m.c कार्यकारिणी की अगली बैठक या त्रेमासिक आय व्यय लेखा बैठक में निर्धारित समयावधि में व्यय का अनुमोदन किया जाएगा।
  12. विकास कोष से राशि व्यय करने की प्रक्रिया प्रत्येक वित्तीय वर्ष की समाप्ति के पश्चात आम सभा में पूरे वर्ष के आय व्यय के लेखे को सामाजिक अंकेक्षण हेतु प्रस्तुत किया जाएगा जिसमें आम सभा के सभी सदस्य समस्त वाउचर कैश बुक की एंट्री व सामग्री को देखने के लिए अधिकृत होते हैं। यदि सामाजिक अंकेक्षण में वर्ष भर में किया गया लेन देन उचित पाया जाता है तो आम सभा द्वारा निम्नलिखित प्रमाण पत्र दिया जाएगा – “वित्तीय वर्ष का सामाजिक अंकेक्षण किया गया तथा यह पाया गया कि वर्ष भर के दौरान क्रय की गई समस्त सामग्री/ सेवाएं बाजार दर के अनुरूप अथवा उससे कम है। आम सभा द्वारा सामाजिक अंकेक्षण में वित्तीय लेखा सही होने का प्रस्ताव पारित तथा अनुमोदित किया जाता है।”

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