विद्यालय में अनुशासन

विद्यालय में अनुशासन के विषय में जानकारी प्रदान करें?

  1. देश की वर्तमान परिस्तिथियाँ अपने आप ही छात्रों को उद्दंड एवम अनुशासनहीन बना रही है जिनसे निष्कर्ष निकलता है कि कुछ सीमा तक विद्यालय भी इस स्तिथि के लिए उत्तरदायी है, जो निम्नलिखित है-
    (क) शाला स्टाफ का अनुशासनहीन होना।
    (ख) कक्षा अध्यापन नियमित एवम प्रभावी नही होना।
    (ग) शाला में लंबे समय तक प्रधानाध्यापक या अध्यापकों की नियुक्ति नही होना।
    (घ) कक्षा कक्ष का छोटे होना या अभाव होना।
    (ड) छात्रों की अवांछनीय गतिविधियों के बारे में माता-पिता या सरंक्षक को समय पर सूचना नही भेजना ।
  1. छात्रों का निर्धारित तिथि के बाद भी विद्यालय शुल्क जमा नही करवाना।
  2. बिना प्रार्थना पत्र लम्बे समय तक अनुपस्थित रहना।
  3. आदतन निर्धारित समय पर विद्यालय नही आना और निर्धारित समय से पूर्व विद्यालय से पलायन कर जाना।
  4. कक्षा में इतना शोर करना कि पडौसी कक्षा में व्यवधान पहुँचे।
  5. सहपाठी, कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करना।
  6. दुश्चरित्रता की श्रेणी में आने वाला कोई आचरण करना।
  7. विद्यालय में नशीली वस्तुओं का प्रयोग करना या प्रयोग करके आना।
  8. नागरिक कानून में वर्जित कोई आचरण या व्यवहार करना।
  9. संस्था के भवन , फर्नीचर एवम अन्य सामग्री को असुंदर बनाना या तोड़फोड़ करना।
  1. अनुशासनहीनता से सम्बंधित छात्र को समझाकर अनुशासन बरतने के किये प्रेरित करना।
  2. मौखिक या लिखित चेतावनी देकर अथवा माता-पिता को सूचित करके।

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