राजकीय कार्यालयों में बिल पंजिका

राजकीय कार्यालयों में बिल पंजिका संधारित करना आवश्यक है क्या?

  1. क्रम संख्या
  2. प्रति मांग पत्र का सूक्ष्म विवरण
  3. मांग की रकम
  4. स्वीकृत रकम यदि भिन्न हो तो
    महालेखपाल को पूर्व जांच के लिए
  5. भेजने की तिथि
  6. वापसी की तिथि
    नियंत्रण अधिकारी के हस्ताक्षर हेतु
  7. भेजने की तिथि
  8. वापसी की तिथि
    कोषागार को
  9. भेजने की तिथि
  10. वापसी की तिथि
  11. भुगतान की तिथि
  12. हस्ताक्षर
  13. विशेष विवरण
    टिप्पणी: जिनका भुगतान स्थाई पेशगी में से किया जावे उनकी तिथि कॉलम 11 में लिखी जावे।
    इस पंजिका द्वारा सभी प्रकार के देय की निगरानी की जानी है। देय में अन्य विभागों के मांग पत्र भी सम्मालित हैं। इन सब का इंद्राज प्राप्ति के दिन ही किया जावे और इंद्राज की क्रम संख्या देय पत्र पर तुरंत लिखी जावे।
    अतः स्पष्ट है कि प्रत्येक राजकीय कार्यालय में बिल पंजिका संधारित करना आवश्यक होता है।*

    उमेश कुमार श्योराण: कनिष्ठ सहायक राउमावि छाजूसर, चूरू

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