संतान संबंधी गणना एवं पदोन्नति राजस्थान राज्य कर्मचारियों हेतु महत्वूर्ण जानकारी
प्रश्न – कार्मिक विभाग के निर्देशानुसार संतान संबंधी गणना एवं पदोन्नति के संबंध में नवीनतम प्रावधानों की जानकारी से अवगत करवाने का कष्ट करें।
उत्तर – कार्मिक विभाग राजस्थान सरकार द्वारा दिनांक 16.03.2023 को जारी अधिसूचना के अनुसार किसी अभ्यर्थी की नियुक्ति के मामलों में संतान संबंधी गणना एवं पदोन्नति के संबंध में निम्नलिखित प्रावधान लागू किए गए है जो कि राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।–
(i) दो से अधिक संतानों वाला अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए तब तक निर्रहित (अयोग्य) नहीं समझा जायेगा जब तक कि उसकी संतानों की संख्या में, जो 1 जून, 2002 को है, बढ़ोतरी नहीं होती है अर्थात किसी अभ्यर्थी के 01.06.2002 को या इससे पूर्व में 2 से अधिक संतान होने पर नियुक्ति के लिए अपात्र नही माना जाएगा, यदि 01.06.2002 के बाद कोई संतान नही है तो।
(ii) यदि किसी अभ्यर्थी के पूर्वतर प्रसव से केवल एक ही संतान है किन्तु पश्चात्वर्ती (बाद में) एकल प्रसव से एक से अधिक संतानें (जुड़वा संतान) पैदा हो जाती हैं तो संतानों की कुल संख्या की गणना करते समय इस प्रकार (जुड़वा) पैदा हुई संतानों को एक इकाई समझा जायेगा।
(iii) किसी अभ्यर्थी के पूर्व प्रसव से पैदा हुई और निःशक्तता से ग्रस्त संतान को भी संतानों की गणना करते समय नहीं गिना जायेगा।
(iv) किसी अभ्यर्थी जिसने पुनर्विवाह किया है (जो किसी विधि के विरुद्ध नहीं है) तो ऐसे पुनर्विवाह से एकल प्रसव द्वारा जन्मी संतान को भी संतानो की संख्या में नही गिना जाएगा।
(v) उपरोक्त नियम किसी विधवा और विच्छिन्न- विवाह (तलाकशुदा) महिलाओं की नियुक्ति पर लागू नहीं होंगे।
कार्मिक विभाग राजस्थान सरकार द्वारा दिनांक 16.03.2023 को जारी अधिसूचना के अनुसार किसी कार्मिक की संतान संबंधी गणना एवं पदोन्नति के संबंध में निम्नलिखित प्रावधान लागू किए गए है जो कि राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।–
(i) यदि किसी कार्मिक के 1 जून 2002 को या उसके पश्चात् दो से अधिक संतान होने के कारण वर्ष 2019-20 तक पदोन्नति पर विचार नहीं किया गया था, तो ऐसे कार्मिक के मामले में पदोन्नति देय होने की दिनांक से विचार किया जाएगा और पदोन्नति की दिनांक से पुनः वेतन नियतन किया जायेगा, किंतु कोई बकाया (एरियर) भुगतान नहीं किया जायेगा अर्थात पदोन्नति का काल्पनिक लाभ देय होगा एवं पदोन्नति पर कार्यग्रहण की दिनांक से ही वास्तविक लाभ देय होगा।
(ii) यदि किसी कार्मिक जिसके 1 जून 2002 को या इसके पश्चात् दो से अधिक संतानें हों, और उसकी पदोन्नति वर्ष 2020-21 में या उसके पश्चात् देय हो जाती है, तो ऐसे कार्मिक की पदोन्नति पर पदोन्नति देय दिनांक से विचार किया जायेगा और उसका वेतन पदोन्नति संबंधी पद के अनुसार नियत किया जायेगा किंतु वह तीन पश्चात्वर्ती वर्षों (subsequent year) के लिए वार्षिक वेतनवृद्धि का काल्पनिक रूप से हकदार होगा और तीन वर्ष के बाद उसे वेतनवृद्धियों का वास्तविक भुगतान किया जाएगा, परन्तु काल्पनिक वेतनवृद्धियों के लिए कोई बकाया (एरियर) भुगतान नहीं किया जायेगा।
नोट – उपरोक्त नियमों के अनुसार पदोन्नत व्यक्ति की पश्चात्वर्ती (subsequent) पदोन्नतियों पर कोई पारिणामिक प्रभाव नहीं पड़ेगा एवं पहले से पदोन्नत व्यक्ति को इन नियमों के क्रियान्वयन के कारण प्रतिवर्तित (reverse) नहीं किया जायेगा।
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