निर्वाह भत्ता /निर्वाह अनुदान के नियम

1.निर्वाह भत्ता क्या है?
उत्तर- निर्वाह अनुदान से तात्पर्य एक राज्य कर्मचारी को दी गयी उस मासिक सहायता से है जिसे वेतन या अवकाश वेतन के रूप में कुछ भी नहीं दिया जा रहा हो {राजस्थान सेवा नियम 7(33)}
2.निर्वाह भत्ता का भुगतान किस कार्यालय से किया जाता है?
उत्तर-निलम्बित कार्मिक का मुख्यालय जिस कार्यालय से किया जाता है, उसी कार्यालय से निर्वाह अनुदान का भुगतान किया जाता है, यदि कोई विशेष आदेश ना हो
3.निर्वाह भत्ताभुगतान से पूर्व क्या क्या औपचारिकताएं पूर्ण करना आवश्यक है?
उत्तर- सर्वप्रथम निलम्बित कार्मिक को निलम्बन उपरान्त निर्धारित परिवर्तित मुख्यालय पर कार्यग्रहण करना/उपस्तिथि देना आवश्यक है। कार्मिक द्वारा निर्वाह अनुदान प्राप्त करने हेतु इस आशय का प्रमाण-पत्र देना आवश्यक होगा कि वह किसी अन्य नियोजन,व्यापार,व्यवसाय अथवा धन्धे में लगा हुआ नहीं है। (राजस्थान सेवा नियम 53 के नीचे जारी स्पष्टीकरण)
4.निलम्बित कार्मिक के मुख्यालय से बिना सूचना/बिना पूर्वानुमति अनुपस्थित रहने की स्थिति में क्या निर्वाह भत्ता रोका जा सकता है?
उत्तर-किसी भी निलम्बन कर्ता प्राधिकरी को निर्वाह अनुदान रोकने का कोई विवेकाधिकार नहीं है। निलम्बित कर्मचारी को निलम्बन की अवधि में निर्वाह अनुदान देना ही होगा। कार्मिक के विरुद्ध राजस्थान सिविल सेवा(वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम,1958 के अनुसार बिना अनुमति मुख्यालय त्यागने के आरोप में दूसरी जांच प्रारम्भ की जा सकती है।(राजस्थान सेवा नियम 53 के नीचे जारी स्पष्टीकरण)
5.निर्वाह अनुदान में क्या क्या और किस दर से भुगतान किया जाता है?
उत्तर-(i)निर्वाह अनुदान के रूप में निलम्बित कार्मिक को अर्द्ध-वेतन अवकाश की राशि के समान, जिसे वह कार्मिक यदि अर्द्ध-वेतन अवकाश पर रहता तो प्राप्त करता,मिलेगा तथा ऐसे अर्द्ध-वेतन पर महंगाई भत्ता अलग से मिलेगा।
निलम्बन के दिन देय वेतन पर प्राप्त क्षतिपूरक भत्ता भी निर्धारित अन्य शर्तों को पूर्ण करने पर प्राप्त होगा
{राजस्थान सेवा नियम 53(क)(ख)}
(ii) निलम्बित कार्मिक को मकान किराया भत्ता उसी दर से प्राप्त होगा जिस दर पर उसे निलंबन की तारीख़ को प्राप्त हो रहा था।
यदि कार्मिक का मुख्यालय लोकहित में बदल दिए जाने की स्तिथि में,इस तथ्य पर विचार किये बिना कि वह निलम्बन की दिनांक को मकान किराया भत्ता प्राप्त कर रहा था अथवा नहीं, नए स्थान पर यथा-अनुज्ञेय मकान किराया भत्ता देय होगा।
कार्मिक के निवेदन पर मुख्यालय परिवर्तन किए जाने की स्तिथि में नए स्थान पर मकान किराया भत्ता पाने का हकदार होगा लेकिन नए स्थान अथवा पुराने स्थान दोनों में से जो कम होगा उसी दर से प्राप्त होगा
{मकान किराया भत्ता नियम 6(छ)}
(iii) क्षतिपूर्ति(नगर) भत्ता-निलम्बित कार्मिक को उसी दर पर देय होगा जिस दर पर उसे निलम्बन की दिनांक को देय था।
लोकहित में मुख्यालय परिवर्तन की स्तिथि में नए स्थान पर स्वीकार्य दरों के अनुसार प्राप्त करेगा।
{क्षतिपूर्ति(नगर)भत्ता नियम 4(घ)}
6.निर्वाह भत्ते से कौन-कौन सी अनिवार्य/ऐच्छिक कटौतियां की जाती हैं और कौनसी कटौतियां नहीं की जानी हैं?.
उत्तर-(i) अनिवार्य कटौतियां-आयकर; मकान किराया, फर्नीचर एवं गार्डन किराया(HFRH);ऋणों एवं अग्रिमों का प्रतिदाय(Repayment)
(ii) वैकल्पिक या स्वैच्छिक कटौतियाँ-राज्य बीमा,सहकारी समितियों/ भण्डारों तथा सहकारी ऋणदात्री समितियों को देय राशि, GPF अग्रिम का प्रतिदाय(Refund)
नोट-यदि राज्य बीमा की निर्वाह भत्ते की कटौती नहीं की जाती है, ऐसी स्थिति में प्रीमियम देय होने की तिथि से राज्य सरकार/राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा निर्धारित दर से साधारण ब्याज सहित प्रीमियम की वसूली की जाएगी।
(iii) नहीं की जाने वाली कटौतियां-GPF में अंशदान,न्यायालय की कुर्की पर देय राशि, सरकार को हुई हानि,जिसके लिये कार्मिक उत्तरदायी है,की वसूली
(iv) अधिभुगतान की वसूली पर निर्णय कार्यालयाध्यक्ष द्वारा किया जाएगा लेकिन वसूली राशि निर्वाह अनुदान की एक तिहाई राशि से अधिक नहीं होगी
{सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम 167(1),(2),(3),(4)
7.निर्वाह अनुदान की राशि में वृद्धि/कमी के क्या प्रावधान हैं?
उत्तर- निलम्बन की अवधि 6 माह से अधिक होने की स्थिति में निलम्बन की आज्ञा देने वाला प्राधिकारी अपने विवेकानुसार प्रथम 6 माह में देय निर्वाह अनुदान की राशि में अधिकतम 50% वृद्धि या कमी की जा सकती है।
निर्वाह भत्ते में बढ़ी/कम की गई राशि के अनुसार ही महंगाई भत्ता की दरें निर्धारित होंगी।
{राजस्थान सेवा नियम 53(क)(i),(ii),(iii)}
ऋचा शर्मा
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय
मई खुर्द, सवाई माधोपुर
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