SUPW शिविर
पांच दिवसीय शिविर का आयोजन विद्यालय में कक्षा 9वीं व 10वीं के विद्यार्थियों के लिए संयुक्त रूप से किया जाता है।शिविर में विद्यार्थियों से करवाये जाने वाले विभिन्न कार्यो का विस्तृत विवरण माध्यमिक षिक्षा बोर्ड राजस्थान की ही समाजोपयोगी उत्पादक कार्य एवं समाज सेवा (कक्षा 9) में दिया गया है तथापि शिविर की महत्ता तथा उसके आयोजन से सम्बंधित आवष्यक तथ्य यहाँ पुनः प्रस्तुत किए जा रहे हैं
SUPW शिविर का महत्त्व –
समाजोपयोगी उत्पादक कार्य एवं समाज सेवा विषय के अन्तर्गत कक्षा-कार्य से अधिक महत्वपूर्ण कार्य शिविर का आयोजन है। छात्र को उसके कत्र्तव्यों का बोध कराने के साथ समाज के प्रति उसके अस्तित्व का ज्ञान कराने, उसे श्रम की महत्ता से परिचित रखते हुए उसमें छिपी असीम निर्माण-शक्ति से उसे स्वयं को अवगत कराना शिविर आयोजन का मुख्य उद्देश्य है। पारस्परिक सौहार्द्र, सद्भाव एवं राष्ट्रीय-एकता के विचारों का अंकुरण भी शिविर-जीवन से होता है और सबसे बड़ी बात है कि स्वावलम्बन की भावना को इससे बल मिलता है। ऐसे आयोजन से सांस्कृतिक रूचि का परिष्करण और नेतृत्व के गुणों का विकास करने में भी शिविर के आयोजन सहयोगी सिद्ध होते हैं.
SUPW शिविर का आयोजन
शिविर का आयोजन, संचालन एवं निष्पादन को व्यवस्थित रूप से किया जाना चाहिए। इस हेतु एक शिविर-संचालन समिति बना लेनी चाहिए। इसमें, जहाँ शिविर लगाया जाता है, वहाँ के स्थानीय व्यक्ति/अधिकारी सम्मिलित कर लिए जाने चाहिए। शिविर-स्थल का चुनाव पूरी सावधानी से किया जाना चाहिए। पाँच दिवसीय शिविर आयोजन के लिए आवश्यक यह है कि स्थान सभी दृष्टि से सुरक्षित हो। वहाँ बिजली, पानी और आवास की सुविधा हो, चिकित्सा की सुविधा भी हो और आवासीय-स्थल के निकट ही शिविर-स्थल हो।
ऐसे शिविर आयोजनों की सूचना कम से कम पन्द्रह दिन पूर्व माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर एवं सम्बन्धित जिला शिक्षा अधिकारी को आवश्यक रूप से भेज देनी चाहिए। शिविर में विभिन्न विषयों के वार्ताकारों, विशिष्ट अतिथियों एवं अभिभावकों को पूर्वतः आमंत्रित कर लिया जाना चाहिए, ताकि विद्यार्थी अधिक से अधिक लाभान्वित हो सके। शिविर में सामुहिक रूप से रहना, अप्रत्यक्ष रूप में छात्रों में पारिवारिक स्नेह, अनुशासन एवं व्यवस्थित जीवनयापन करने के भाव सम्प्रेषित करता है। व्यक्तिगत सामुदायिक हितार्थ कार्य करने की ,प्रेरणा प्रदान करता है। इसी के साथ नेतृत्व-क्षमता का विकास करता है। शिविर आयोजन को भी निश्चित लक्ष्यों की पूर्ति हेतु एक साधना के रूप में स्वीकारा गया है। इसकी अन्तर्गत भी चार क्षेत्रों की स्थापना की गई है।
क्षेत्र [1] – सामुदायिक सेवा कार्य करना
(1) स्थानीय सन्दर्भ में सामाजिक चेतना एवं राष्ट्रीय चेतना कार्य जैसे – टीकों का ज्ञान, साक्षरता का प्रसार, अल्प बचत, स्वास्थ्य ज्ञान, पर्यावरण एवं प्रदूषण, सहकारिता और नामांकन आदि।
(2) वृक्षारोपण एवं रोपित वृक्षों की सुरक्षा कार्य।
(3) सार्वजनिक स्थानों की सफाई, पनघट की सफाई एवं पानी के गड्ढ़ों में फिनाइल एवं केरोसीन डालना।
(4) शिविर स्थल की सफाई और उसका सौन्दर्यीकरण।
(5) भोजन बनाना, भोजन परोसने की सेवाएँ, जल तथा प्रकाश व्यवस्था।
(6) सेवा कार्य – वृद्धाश्रम, अनाथालय, दृश्यानुभूति व संवेदन हेतु भ्रमण व सेवा कार्य।
(7) मेले, त्यौहार, सम्मेलन में जल व्यवस्था, वाहन व्यवस्था व पदवेश (जूतों) व्यवस्था।
क्षेत्र [2] ,सर्वेक्षण एवं संकलन कार्य
(1)सर्वेक्षण एवं आलेख तैयार करनाः सामाजिक कुटीर उद्योग, घरेलू उद्योग, स्थानीय कृषि भूमि उपज, विभिन्न व्यवसाय लोक कथा, लोक गीत, मुहावरे लोकोक्तियाँ, निरक्षरता, विद्यालय परित्याग करने वाले छात्र, टीके लगे शिशु, खेलों में दक्ष व्यक्ति, शिक्षित बालिकाएँ, बेरोजगार व्यक्ति आदि।
(2)संकलन कार्य एवं आलेख तैयार करना।
(3) पर्यावरण अध्ययन (भौगोलिक, प्राकृतिक, सामाजिक, ऐतिहासिक एवं प्रदूषण सम्बन्धी)
क्षेत्र [3], – राष्ट्रीय भावात्मक एकता प्रायोजना कार्य इस क्षेत्र की प्रवृत्तियोें का उद्देश्य छात्रों में राष्ट्रीय भावनात्मक एकता का विकास करना है, इस प्रयोजन की पूर्ति के लिए प्रवृत्तियाँ की क्रियान्विति निम्नांकित दो पक्षों को आधार बनाकर दी जा सकती है –
(1) महापुरूषों के जीवन चरित्र से सम्बन्धित प्रवृत्तियाँ
(क) शिविर में संभागीय छात्रों के दल का नामांकन महापुरुषों के नाम पर करना।
(ख)सम्बन्धित महापुरूषों के जीवन चरित्र पर वात्र्ताएँ आयोजित करना।
(ग)सम्बन्धित महापुरूषों के कथन सूक्तियाँ, विचारों आदि का संकलन करना।
(घ) सम्बन्धित महापुरूषों के जीवन वृत्त, उल्लेखनीय घटनाओं का लेखन एवं चित्रण तथा चित्र संग्रह करना।
(ङ) सम्बन्धित महापुरूषों की जीवनवृत्त की महत्वपूर्ण घटनाओं की झांकी प्रस्तुत करना।
(2)देश की विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक धरोहर से सम्बन्धित प्रवृत्तियाँ
(क) शिविर में संभागी छात्रों के प्रत्येक दल का स्वयं को एक राज्य विशेष से सम्बन्ध करना
(ख) सम्बन्धित राज्य की भौगोलिक स्थिति का अंकन,
(ग) चित्रण एवं लेखन सम्बन्धित राज्य के विशिष्ट स्थानों से सम्बन्धित आलेख तैयार करना।
(घ) सम्बन्धित राज्य के सांस्कृतिक रूपों की प्रस्तुतियाँ जैसे वेशभूषा, अभिनय, गायन, झाँकी, नृत्य, संवाद चित्रण, रीति-रिवाज आदि
क्षेत्र [4] , – सांस्कृतिक एवं मनोरंजक कार्य
(1) सांस्कृतिक कार्यक्रम – नृत्य, सामूहिक गीत, एकांकी, एकाभिनय प्रदर्शन आदि।
(2) साहित्यिक कार्यक्रम – कविता पाठ, वाद-विवाद, समस्यापूत्र्ति, लघु-कथा, कथन, चुटकुले आदि।
(3) कैम्पफायर (संवाद, लोकगीत, लोक भजन, नृत्य व अन्य कार्यक्रम)
(4) योगाभ्यास, व्यायाम एवं रोचक खेल।
उपर्युक्त सांस्कृतिक एवं मनोरंजनात्क कार्यक्रमों के अन्तर्गत राष्ट्रीय चेतना एवं समाज सुधार, से सम्बन्धित कार्यक्रम आयोजित किये जाये। दैनिक कार्यक्रम में व्यायाम से पूर्व प्रणव ध्वनि तथा शयन से पूर्व कार्योत्सर्ग तथा प्रेक्षाध्यान सम्मिलित किया जा सकता है।
समाज सेवा शिविर EXCEL SHEET
कालू सिंह जी वरिष्ठ अध्यापक राबाउमावि बगड़ी नगर द्वारा समाज सेवा शिविर हेतु डेटाबेस तैयार करने हेतु निर्मित शानदार एक्सेल शीट सभी के लिए उपयोगी:-
SUPW शिविर-कार्यक्रम
शिविर को अन्तिम रूप तो बहुत पहले से दे देना चाहिए, ताकि शिविर आरम्भ से ही व्यवस्थित एवं विधिवत् रूप से संचालित हो तथा सम्पूर्ण समय का सदुपयोग हो सके। इस हेतु शिविर की वास्तविक तिथियों की घोषणा प्रार्थना-सभा में करने के साथ सूचना पट्ट पर अंकित कर देनी चाहिए। पाँच दिवसीय शिविर के आयोजन सम्बन्धी सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्वतः पूरी कर लेनी चाहिए ताकि छात्रों के पहुँचने से लेकर वापसी तक वे उत्पादक एवं उपयोगी कार्यों से जुड़े रहें।
शिविर में आयोजित चार परिक्षेत्रों की समस्त गतिविधियों को इस प्रकार समय विभाग चक्र में सम्मिलित कर लिया जाना चाहिए कि संभागी समूचे समय अपने को किसी न किसी कार्य में व्यस्त हुआ पाये।
SUPW शिविर दैनिक कार्यक्रम
SUPW शिविर प्रथम दिवसः-
क्र. सं. | समय | कार्यक्रम |
1 | प्रातः 10.00 बजे से 12.00 बजे तक | विद्यालय परिसर में एकत्रित होना, शिविर सामग्री व्यवस्थित कर शिविर स्थल तक के जाने का दायित्व विभाजित करना। |
2 | 12.00 बजे से 3.00 बजे तक | शिविर स्थल पर उप समूहवार आवास व्यवस्था। |
3 | 3.00 बजे से 5.00 बजे तक | प्रथम सम्मेलन, विद्यालय ध्वजारोहण एवं शिविर परिचय, आवश्यक निर्देश, सर्वेक्षण कार्य विभाजन। |
4 | 5.00 बजे से 6.00 बजे तक | खेल-कूद। |
5 | 6.00 बजे से 8.00 बजे तक | भोजन (साथ लाया हुआ)। |
6 | रात्रि 8.00 बजे से 10.00 बजे तक | सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कार्य की तैयारी। |
7 | रात्रि 10.00 बजे | शयन (ईश्वर स्तुति के छः वेद मंत्र पाठ) |
SUPW शिविर द्वितीय दिवस
क्र. सं. | समय | कार्यक्रम |
1 | प्रातः 4.30 बजे | जागरण (ईश्वर स्तुति के पाँच वेद मंत्र) |
2 | प्रातः 4.30 बजे से 6.00 बजे तक | नित्य कर्म। |
3 | प्रातः 6.00 बजे से 6.30 बजे तक | प्रभात फेरी (ईश्वर भजन के साथ)। |
4 | प्रातः 6.30 बजे से 7.30 बजे तक | सामुहिक व्यायाम (सूर्य नमस्कार आदि) प्राणायाम व योगा कार्यक्रम। |
5 | प्रातः 7.30 बजे से 8.15 बजे तक | आवास स्थल की सफाई एवं सजावट तथा अल्पाहार। |
6 | प्रातः 8.15 बजे से 8.45 बजे तक | शिविर निरीक्षण व मूल्यांकन। |
7 | प्रातः 8.45 बजे से 9.30 बजे तक | प्रार्थना, ध्वजारोहरण, आज का विचार, कार्यक्रम निर्देशन |
8 | प्रातः 9.30 बजे से 11.30 बजे तक | सर्वेक्षण कार्य संकलन (देशभक्तों की जीवनी) सम्पर्क कार्य परिवेश एवं पर्यावरण अध्ययन (प्रभारी सुविधानुसार कार्य विभाजन करे)। |
9 | दोपहर 11.30 बजे 1.30 बजे तक | भोजन व स्नान। |
10 | 1.30 बजे से 2.15 बजे तक | विश्राम |
11 | 2.15 बजे से 3.00 बजे तक | संकलन (देशभक्तों की जीवनी) सर्वेक्षण कार्य को लिखित रूप देना एवं प्रभारी द्वारा मूल्यांकन। |
12 | 3.00 बजे से 4.00 बजे तक | कौशल सम्बन्धी एवं ज्ञानात्मक कार्य। |
13 | 4.00 बजे से 4.30 बजे तक | अल्पाहार |
14 | 4.30 बजे से 5.30 बजे तक | कौशल सम्बन्धी अभ्यास कार्य। |
15 | 5.30 बजे से 6.30 बजे तक | खेलकूद। |
16 | 6.30 बजे से 7.30 बजे तक | भोजन। |
17 | 7.30 बजे से 8.00 बजे तक | सांस्कृतिक कार्यक्रम तैयारी। |
18 | 8.00 बजे से 10.00 बजे तक रात्रि 10.00 बजे | सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रदर्शन। शयन (ईश्वर स्तुति के छः वेद मंत्र पाठ) |
SUPW शिविर तृतीय एवं चतुर्थ दिवस
तृतीय और चतुर्थ दिन के लिये शिविर कार्यक्रम अवधि, द्वितीय दिन की भाँति
प्रातः 4.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक यथावत रहेगी। प्रतिदिन के आवश्यक कार्य यथावत समयानुसार होंगे।
प्रातः 9.30 बजे से 11.30 बजे तक
दोपहर 2.00 बजे से 4.00 बजे तक
तथा 4.30 बजे से 5.30 बजे तक की अवधि में प्रतिदिन कार्य में परिवर्तन होगा। इसमें सामुदायिक सेवा कार्य तथा रास्तों व नालियों का सुधार, सड़क निर्माण कार्य वृक्षारोपण नव रोपित वृक्षों की सुरक्षा कार्य, सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु पोस्टर आदि।
SUPW शिविर पंचम दिवस
क्र. सं. | समय | कार्यक्रम |
प्रातः 5.00 बजे | जागरण | |
प्रातः 5.00 बजे से 6.00 बजे तक | नित्य कर्म निवृत्ति। | |
प्रातः 6.00 बजे से 6.30 बजे तक | देशभक्ति गीत व ईश्वर भक्ति भजन। | |
प्रातः 6.30 बजे से 7.30 बजे तक | सूर्य नमस्कार (व्यायाम), प्राणायाम, योग कार्यक्रम। | |
प्रातः 7.30 बजे से 8.15 बजे तक | अल्पाहार आवास स्थल की सफाई। | |
प्रातः 8.15 बजे से 8.45 बजे तक | शिविर निरीक्षण व मूल्यांकन। | |
प्रातः 8.45 बजे से 9.30 बजे तक | प्रार्थना, ध्वजारोहरण, निर्देश आदि। | |
प्रातः 9.30 बजे से 10.30 बजे तक | कौशल सम्बन्धी कार्य। | |
दोपहर 10.30 बजे 12.30 बजे तक | भोजन, डायरी लेखन। | |
दोपहर 12.30 बजे से 1.30 बजे तक | समापन समारोह की तैयारी एवं प्रदर्शनी लगाना। | |
1.30 बजे से 3.00 बजे तक | समापन समारोह। | |
3.00 बजे से 4.00 बजे तक | प्रस्थान की तैयारी। | |
सायं 4.00 बजे | प्रस्थान |
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