अवकाश नियम
- अवकाश अधिकार के रूप में नहीं मांगा जा सकता है।
(1) A – अवकाश स्वत्व का अर्जन कर्त्तव्य सम्पादन के कारण ही होता है। विदेश सेवा में व्यतीत अवधि भी अवकाशों की गणना हेतु सम्मिलित की है।
(1) B – सेवानिवृत्ति के पश्चात् बिना व्यवधान के उसी पद पर पुनः नियुक्ति पर अस्थायी कर्मचारियों के लिए प्रभावी अवकाश नियमों के अनुसार लाभ देय
2 आवेदित अवकाश की प्रकृति को अवकाश से लौटने के 90 दिन में बदलाया जा सकता है। अवकाश की अवधि में निवास का पता आवेदन पत्र में उल्लेखित करना आवश्यक है।
3 अवकाश से पूर्व या पश्चात् आने वाले राजपत्रित अवकाश का उपभोग कर सकेंगे।
4 अवकाश काल में किसी प्रकार के व्यवसाय / प्रेक्टिस पर रोक
अवकाश आवेदन पत्र, अवकाश स्वीकृतकर्ता अधिकारी / नियन्त्रण अधिकारी को प्रस्तुत करें।
संदिग्ध मामले में कर्मचारी को मेडिकल बोर्ड के परीक्षणाधीन रख सकेंगे।
5 चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्राप्त करने से अवकाश का अधिकार नहीं बनता।
निष्कासित किए जाने वाले कर्मचारी को अवकाश स्वीकृत करने का निषेध स्वास्थ्य का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किये बिना सेवा पर उपस्थित होने पर प्रतिबन्ध।
6 अवकाश स्वीकृत कराए बिना सेवा से अनुपस्थिति को स्वेच्छा से अनुपस्थित माना जाएगा।
स्वीकृत अवकाशों की समाप्ति पर उपस्थित नहीं होने पर स्वेच्छिक अनुपस्थित मान कर कार्यवाही की जाएगी।
7 किसी भी प्रकार के अवकाश को किसी भी अन्य प्रकार के अवकाश के साथ अथवा निरन्तरता में स्वीकृत किया जा सकता है, किन्तु आकस्मिक अवकाश के साथ नहीं। किसी भी प्रकार के अवकाश के प्रारम्भ या अन्त में आने वाले ऐच्छिक अवकाश का उपभोग किया जा सकता है।
8 अध्ययन एवं अयोग्यता अवकाश चाहे कितनी भी अवधि का हो विभागाध्यक्ष द्वारा ही स्वीकृत किया जाएगा।
साधारणतया अध्ययन अवकाश एवं अयोग्यता को छोड़कर अन्य समस्त प्रकार के 120 दिन (प्रसूति अवकाश 180 दिन) तक के अवकाश कार्यालयाध्यक्ष / नियन्त्रण अधिकारी द्वारा स्वीकृत किए जाएंगे।
एडमिन पैनल