गर्भपात अवकाश राजस्थान
प्रश्न:- गर्भपात अवकाश के बारे में नियमों सहित पूरी जानकारी देने का कष्ट करें।
उत्तर:-वित्त विभाग राजस्थान द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 14.07.2006 एवं राजस्थान सेवा नियम 1951 भाग-1 के नियम 103 मातृत्व अवकाश के अंतर्गत दी गई टिप्पणी के अनुसार – दो से कम उत्तरजीवी संतानों वाली किसी महिला सरकारी कर्मचारी को गर्भस्राव सहित पूर्ण गर्भपात के मामले में सम्पूर्ण सेवाकाल के दौरान अधिकतम कुल छह सप्ताह (42 दिन तक) का गर्भपात अवकाश देय होगा।
कार्मिक गर्भपात अवकाश को एक बार में (42 दिन एकसाथ) या दो बार में (21 दिन एक बार मे) ले सकेगी, परन्तु गर्भपात अवकाश आवेदन के साथ में प्राधिकृत चिकित्सक का प्रमाण पत्र अवश्य लगा होना चाहिए जिसमें स्पष्ट रूप से अकस्मात गर्भपात होने या महिला कार्मिक के जीवन को खतरा होने की आशंका से विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह पर गर्भपात करवाने का उल्लेख किया गया हो।
स्पष्टीकरण – गर्भपात (Abortion) शब्द में गर्भपात की आशंका (Threatened abortion) को सम्मिलित नहीं माना जावेगा। अतः शंका वाले गर्भपात में उक्त अवकाश स्वीकृत नहीं किया जावेगा।
यह निर्णय चिकित्सक को करना है कि कार्मिक के जीवन को बचाने के लिए गर्भपात करवाना आवश्यक है या नही। विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह पर गर्भपात करवाने पर विश्राम के लिए अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है और यदि गर्भपात अकस्मात हो जावे तो भी नियमानुसार विश्राम के लिए अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।
अवकाश स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी को अवकाश स्वीकृति के समय यह देखना है कि चिकित्सक ने गर्भपात पर विश्राम के लिए अवकाश स्वीकृति की स्पष्ट अनुशंसा की है एवं कारण में पूर्ण गर्भपात (Complete Abortion) लिखा है। गर्भ स्राव (मिस केरिज) होने पर उक्त अवकाश नियमानुसार देय नही है।
गर्भपात हेतु अवकाश अवधि के दौरान नियम 103 के अनुसार कार्मिक को मातृत्व अवकाश के समान अवकाश पर प्रस्थान से पूर्व देय वेतन की दर से नियमित वेतन का भुगतान किया जाएगा।
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