TIME BARRED CLAIMS
TIME BARRED CLAIMS RAJASTHAN GOVT
समयातीत क्लेम
अवधि पार दावे
प्रश्न:-समयातीत क्लेम अथवा अवधि पार दावों के संबंध में सामान्य जानकारी देवें।*
उत्तर:- सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम के अध्याय 6 शीर्षक भुगतान के उपखंड 2 नियम संख्या 90 से 94 एवं नियम 188 में समयातीत दावों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई है जिसमें से कुछ महत्वपूर्ण नियमावली निम्नानुसार हैं:
.कोई भी ऐसा दावा जो उसके देय होने की तारीख से दो वर्ष की अवधि के भीतर कोष कार्यालय में प्रस्तुत नहीं किया गया हो, समयातीत/अवधि पार दावा कहलाता हैं।
. राशि रूपए 2000/- या इससे कम राशि के दावे उनके देय होने की तारीख से तीन वर्ष के भीतर कोष कार्यालय में प्रस्तुत नहीं होने पर अवधि पार कहलाते हैं।
. 100/- रुपए तक के समस्त छुट पुट दावे तीन वर्ष से अधिक पुराने होने पर अवधि पार न माने जाकर तुरंत ही अस्वीकार कर दिए जाने चाहिए यदि उनके विलंब के कारण युक्तियुक्त/ उचित न हो एवं युक्तियुक्त कारण होने पर अवधि पार माने जाकर पारित किए जाएंगे।
. ऐसे दावे जो सरकार के विशेष नियमों या आदेशों द्वारा शासित होते है जैसे: पेंशन, सरकारी प्रतिभूतियों पर ब्याज इत्यादि वो सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियमों के अवधि पार प्रावधानों से संचालित नहीं होंगे।
.विभिन्न दावों को देय होने की तारीख निम्न प्रकार होगी:
(1). यात्रा भत्ता: यात्रा पूर्ण होने की तारीख से।
(2). चिकित्सा भत्ता: प्राधिकृत चिकित्सक द्वारा दावे पर हस्ताक्षर या प्रतिहस्ताक्षर करने की दिनांक से।
(3). वेतन वृद्धि: सक्षम प्राधिकारी के आवधिक वेतन वृद्धि प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर किए जाने की तारीख से।
(4). अवकाश वेतन: स्वीकृति की तारीख से।
(5). वेतन स्थिरीकरण के कारण भूतलक्षी प्रभाव से वेतन की बकाया: वेतन स्थिरीकरण प्रपत्र के सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदन की तारीख से।
(6). ओवर टाइम के लिए मानदेय: स्वीकृति की तारीख से।
(7). आकस्मिक दावे: डीडीओ को प्रस्तुत किए जाने वाले माह के आगामी माह की प्रथम तारीख से।
(8). सहायता अनुदान, छात्रवृत्ति, स्टीफेंड, राजस्व एवं निक्षेप का प्रतिदाय स्वीकृति की तारीख से।
. उक्तानुसार अवधि प्रारंभ तिथि अथवा देय तिथि से रुपए 2000/- से अधिक के दावे दो वर्ष पश्चात एवं रुपए 2000/- तक के दावे तीन वर्ष पश्चात कोष कार्यालय में प्रस्तुत करने पर अवधि पार अथवा समयबाधित कहे जाएंगे।
. सभी अवधि पार दावों को सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम भाग तृतीय के भाग प्रथम के बिंदु संख्या 4 में प्रत्ययोजित शक्तियों के अंतर्गत निर्धारित समय के क्रम में/अनुसार पूर्व जांच किया जाएगा।
. पूर्व जांच में कार्यालय अध्यक्ष द्वारा प्रमाण पत्र कि दावे का भुगतान पहले नहीं किया गया हैं तथा दावेदार का प्रमाण पत्र कि उसने दावे की राशि को पूर्व में प्राप्त नहीं किया है तथा दावेदार द्वारा हस्ताक्षरित क्षतिपूर्ति बंध पत्र, विधिवत टिकट लगा हुआ प्रस्तुत किया जाएगा जिसमें वह वचन देगा कि यदि दावे के संबंध में किसी राशि का अधिभुगतान किया हुआ पाया गया तो वह उसका प्रतिदाय कर देगा।
कालातीत बिलो के लिए क्षतिपूर्ति बन्ध पत्र


उमेश कुमार श्योराण: कनिष्ठ सहायक राउमावि छाजूसर, चूरू
पे मैनेजर इन्फो
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